(रचना: जसवंत सिंह)
जा पर कृपा राम की होई,
ता पर कृपा करें सब कोई।
दुःख मिट जाए, सुख छा जाए,
भवसागर से पार लगाए।
राम का नाम जब जुबां पर आए,
हर संकट पल में मिट जाए।
हरिओम का जाप जो कर ले,
उसके जीवन का अंधेरा हर ले।
जा पर कृपा राम की होई,
वही जग में पूज्य कहाए।
भव बंधन से मुक्त हो जाए,
हर पथ पर विजय वो पाए।
सत्संग में जिसका मन रमता,
भक्ति में जो निशदिन रहता।
वही तो राम का प्रिय कहाए,
संसार में उसका यश छाए।
जा पर कृपा राम की होई,
उसके दुख भी सुख बन जाए।
हर पल हर क्षण राम का सहारा,
उसके जीवन का बने उजियारा।
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रामजी की महिमा
भगवान श्रीराम धर्म, आदर्श और मर्यादा के प्रतीक हैं। उनके जीवन से हमें सत्य, धर्म और कर्तव्य पालन की प्रेरणा मिलती है। रामजी का चरित्र हमें सिखाता है कि कठिन परिस्थितियों में भी संयम, धैर्य और करुणा बनाए रखना चाहिए। उन्होंने राक्षसों का संहार करके अधर्म का नाश किया और धर्म की स्थापना की।
राम नाम का स्मरण मात्र से भक्तों के पाप धुल जाते हैं और मन शुद्ध हो जाता है। रामजी का जीवन हर युग में आदर्श रहा है। वनवास, सीता की खोज और रावण के वध के दौरान उनके हर कृत्य में सच्चाई और न्याय की झलक मिलती है। उनके चरणों में शरण लेने वाले हर भक्त का उद्धार होता है। रामजी की महिमा का बखान शब्दों में सीमित नहीं हो सकता, क्योंकि उनका व्यक्तित्व और करुणा अनंत हैं।
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