दोस्तों इस विशाल ब्रह्मांड में हमारे आवश्यकता से ज्यादा छोटा और बहुत ही कमजोर परंतु हमारे लिए काफी प्यारा ग्रह यानी हमारी पृथ्वी का व्यास है 12742 K.m। वहीं हमारे सुर्य का व्यास इससे कहीं ज्यादा हैं लगभग 1351016 K.m है हमारा सुर्य हमारी पृथ्वी से इतना अधिक बडा़ हैं कि इसके अन्दर 13 लाख पृथ्वीयाँ समा सकती हैं, ये बहुत विशाल है। लेकिन हमारी कल्पना तो इससे भी कहीं ज्यादा बड़ी है। तो आज कल्पना करते है कुछ अलग ही । दोस्तों अगर हमारी पृथ्वी सुर्य से बड़ी हो गई तो क्या होगा। अगर पृथ्वी सुर्य से बड़ी हो जाए तो सबसे पहले तो सोलर सिस्टम के सारे प्लेनेट की स्थिति पूरी तरह से बदल जाएगी और पृथ्वी की तो बदलेगी ही। वर्तमान में पृथ्वी की स्थिति ऐसी है इसमें हम या फिर बाकी के जीव जन्तु जीवित रह सकते हैं लेकिन जैसे ही पृथ्वी का आकार बदलेगा इस ग्रह से जीवन तुरंत ही समाप्त हो जाएगा सबसे महत्वपुर्ण तो यह है कि जब पृथ्वी इतनी ज्यादा बड़ी होगी तो इसकी ग्रैविटी इतनी ज्यादा हो जाएगी कि एक ही सैकण्ड में हमारी हड्डियांँ टूट जाएगी । अगर पृथ्वी का आकार सुर्य से बड़ा हो गया तो इसकी कौर में नाभिकीय विखण्डन होगा और यह एक बड़ा तारा बन जाएगी विज्ञान के अनुसार जब कोई भी ग्रह जिसका घनत्व ब्रहस्पति के घनत्व से तेरह गुना ज्यादा हो यानी पृथ्वी के लगभग चार हज़ार गुना ज्यादा घनत्व वाला ग्रह अपनी केंद्र में इतनी उष्मा दबाव उत्पन्न कर सकता है की फ्यूजन रिडक्शन हो जाए और फिर वो एक स्टार बन जायेंगा। तो इस घटना के बाद पृथ्वी की उपमा ही बदल जाएगी और तब उसे एक तारा कहा जाएगा लेकिन उसे तारा कहेगा कौन जब इस बार हम इंसान नहीं बचेंगे। तो इसे परग्रही कहेंगे तारा और तब हमारे सोलर सिस्टम में दो तारे होंगे एक सुर्य और एक पृथ्वी और हमारे सोलर सिस्टम को ये लोग बाइनरी स्टार सिस्टम कहेंगे बाइनरी स्टार सिस्टम हमारी आकाशगंगा में काफी ज्यादा है और क्योंकि सुर्य से पृथ्वी बड़ी होगी तो फिर इसकी ग्रैविटी और घनत्व भी सबसे ज्यादा हो जाएगा और सुर्य पृथ्वी का चक्कर लगाने लगेगा एक बदलाव और होगा हमारे सोलर सिस्टम का पूरा ढाचाँ भी बदल जाएगा ज्यादातर ग्रह तब समाप्त हो जाएंगे क्योंकि या तो न उन्हें सूरज या फिर पृथ्वी अपने में मिला लेगी केवल वरूण स
इनका परिभ्रमण कर पाएगा क्योंकि यह हमसे काफी ज्यादा दूरी पर है तो अब हम जानते हैं कि अगर पृथ्वी सबसे ज्यादा बड़ी हो गयी तो इस बार लाइफ नहीं बचेगी लेकिन इसका मतलब ये भी नहीं कि पूरे सोलर सिस्टम में कहीं भी जीवन नहीं रह पाएगा अगर बाइनरी स्टार सिस्टम है तो प्लेनेट नहीं बल्कि चाँद पर जीवन होने के ज्यादा संभावना होगी।
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